जग ज्योति तू उतरा अंधकार में
तूने मेरी आँखें खोल दी
खूबसूरती , तुझे चाहूं पूरे दिल से
आशा जीवन तेरे संग की
आराधना करूँ
सर को मैं झुकाऊं
प्रभु सिर्फ़ तू है मेरा खुदा
तू है आती सुंदर
तू है आती योगया
तू है आती अधभूत मुझो/मेरे लिए
राजा अनंत तू सब से है उँचा
महिमा में विराजमान
नम्र होकर आया
जिस संसार को बनाया उसमे
प्रेम के खातिर हुआ ग़रीब
आराधना करूँ...
मैं कभी ना जानूँ दाम मेरे
पाप सूली पर चढ़ने के