1. शून्य से लेके तूने मुझे, रच लिया अपने ही रूप में,
प्रेम किया है अनन्त प्रेम से, दिया पुत्रा मेरी मुक्ति के लिए
अनोखा प्यार है तेरा, करूंगा स्तुति तेरी मैं सर्वदा (2)
2 जग में आया यीशु स्वर्ग छोड़ के, मेरा सारा दण्ड सह लिया उसने,
कोड़े खा के क्रूस उठा के यीशु ने, मुझे मुक्ति और चंगाई दे दी है
3 अन्न, वस्त्रा और सभी आशीषें, दी मुझे उसने भरपूरी से,
खतरों और सब मुसीबतों से, आंख की पुतली जैसे सम्भाला मुझे