हमेशा आनन्द है, मुझे यीशु देता है,
आओ मिलकर उसकी स्तुति करें हम,
हाल्लेलूयाह आनन्द है ; (2)
1. अपने पंखों तले, मुझको छुपा कर, संभालता रहेगा,
उसका वचन है, आत्मा की तलवार, मार्ग वही है
2. हर रास्ते में मुझको बचाने, फरिश्ते मेरे लिए,
ना लगे पत्थर पाँवों में मेरे, हाथों में उठाएगा
3. सिंह के ऊपर, साँप के ऊपर, चलते जाएँगें,
षैतान की सारी षक्तियों को जीतने का, अधिकार मुझको है