यीशु तुम्हें बुला रहा
यीशु तुम्हें बुला रहा
एक नज़र तो मोड़ लो
क्यों ये गुनाह लिये चले
इनको यहीं पर छोड़ दो
रुक कर ज़रा तो सोचो तुम
मरने के बाद होगा क्या -2
मिली तुम्हे जो ज़िन्दगी तो
प्रभु को उस से दोगे क्या
ले तो तुम नई ज़िन्दगी
नक्शे कदम तो मोड़ लो
क्यों ये गुनाह लिये चले
इनको यहीं पर छोड़ दो
यीशु तुम्हें...
राहें हैं ज़िन्दगी की दो,
जिस पर सभी को चलना है
दुनिया की राह मैं चल रहे
या राहे मसीह चलना है
अब तुम नये इंसान बनो
दुनिया से नाता तोड़ दो
क्यों ये गुनाह लिये चले
इनको यहीं पर छोड़ दो
यीशु तुम्हें...
देखो कोई सलीब से
तुमको अभी बुला रहा
अपने पिता से ज़िन्दगी,
नई तुम्हें दिला रहा
आ जाओ तुम सलीब से
अपना भी नाता जोड़ लो
क्यों ये गुनाह लिये चले
इनको यहीं पर छोड़ दो
यीशु तुम्हें...