मन का दीप जला, जीवन दीप जला,
ख्वाबों में खोया है, जाग जरा मतवाले ; (2)
1. सच बतलाओ तेरे मन में रात कैसे छाई,
अच्छा नहीं है देख सँभल जा, यीशु से है जुदाई,
यीशु को अपना ; (2) खवाबों में खोया है...
2. यह दुनियाँ है ख्वाब सुनहरा इसमें जो फंस जाये,
रोये तड़पे चैन न पाये, घुत घुत कर मर जाये,
मन का मैल धुला ; (2) ख्वाबों में खोया है...
3. यीशु को तू अपने जीवन में, अपना मित्रा बना ले,
छोड़ दे अब ये दुनिया सुनहरी, दुनिया से मन को फिराले,
होगा तेरा भला ; (2) ख्वाबों में खोया है...