आया मसीह दुनियाँ में तू, पापियों को बचाने को,
लाये ईमान जो बेटे पर, करेगा पार इस दुनियाँ को
1. दुनियाँ गुनाह में डूब रही थी, सादिक गुमराह हो रहे थे,
छोड़ा आसमान बना इंसान, मिली नजात इस दुनियाँ को
2. बैतलहम के मैदान में, गड़रिए रात सो रहे थे,
सुना फरिश्तों की जुबान, पैदा हुआ है ख््राीष्ट निधान
3. आलिमों ने किताबों में, पढ़ी पैदाइश की तफसील,
चल दिए वह भी ऊँटों पर, तारे हयात का पीछा कर
4. समुन्द्र की सब लहरों पर, दुनियाँ की हर जुबान पर,
है उसका नाम, है उसका काम, सारा जहाँ लाए ईमान