बेरंग बेकल ये आलम
ये दुनिया हरजाई
ना मैं रहा तेरा ना जग का
बना मैं सौदाई
मेरे करम कहां हैं
तेरा फजल रवां है
क्या रोग, क्या दर्द, क्या मौत, क्या मर्ज़
मेरे यासु तू जो मुझको बचा ले
यासु मेरे यासु मेरे यासु तू रिहाय दिवस
भटके मेरे दिल को राह तेरी हे दिखायी दिन
मिटी दा हां बन्या तै मैं मिटी विच न जाना
मैं यासु तेरे बदन दा हिसा तेरे विच स्मना
जग दी कुंड ख्याली मेरे काम किसै ना आना
मेरे रब अयाली मेरे दिल नाय थोर ना पाना
तां जो मीनू विच गुनाह दिन जम्या मेरी माई
पर मेरे रब अपनी शबी तै मेरी शकल बनी
मेरे पापां दी खातिर जिस अपनी जान गावै
मेरा रब खुदावंद मेनू बख्शाय आप रिहाई