यीशु तुम्हेें बुला रहा, एक नज़र तो मोड़ लोेे,
क्यों ये गुनाह लिए चले, इनको यहीं पर छोड़ दो
1. रूक के ज़रा तो सोचो तुम, मरने के बाद होगा क्या,
मिली तुम्हें जो ज़िन्दगी, प्रभु को उससे दोगे क्या,
ले लो तुम ज़िन्दगी नई, नक्शे कदम भी मोड़ लो
2. देखो कोई सलीब से, तुमको अभी बुला रहा ,
अपने पिता से ज़िन्दगी, नई तुम्हें दिला रहा,
आ जाओ तुम सलीब से, अपना भी नाता जोड़ लो
3. राहें हैं ज़िन्दगी की जो, जिस पर सभी को चलना है,
दुनियां की राहों में चल रहे, या राहे-मसीह में चलना है,
अब तुम नए इन्सान बनो, दुनिया से रिश्ता तोड़ दो