आज घर-घर में खुशियाँ मनाओे,
क्योंकि पैदा हुआ है मसीहा (2)
1) आज दूतों ने गाना है गाया,
आज मुकित का राजा है आया (2)
ऐसे मौके को हम क्यों गवाएं क्योंकि पैदा.......................
2) आज पूरब के तारे को देखो
जो चरणी में चमका है देखो (2)
अपने दिल में, हम उसे जगमगाएं क्योंकि पैदा.......................
3) आज भार्इ से भार्इ मिले हैं,
आज दुश्मन से दुश्मन मिले हैं, (2)
हम भी सबको, गले से लगाएं क्योंकि पैदा ........................