अति शीघ्र ही टल जायेंगी,
ये तकलीफें दो दिन की; (2)
न होना निराश, तू न होना निराश
1. भीतरी मनुष्य के दिन व दिन,
नया बनने की रूत है अभी
2. अपरम्पार महिमा,
इसी से हमको मिलेगी
3. देखी दुनिया से मोह नहीं,
अनदेखी स्वर्ग पे आँख लगी
.
4. यीशु की खातिर मरना पड़े,
तो ये हमारा सौभाग्य है
5. महाराजा यीशु आयंगे,
तब हम खुशियाँ मनायेंगे