हर दिन नई आशा का पैग़ाम सुनाता है,
हर पल जो गुज़र जाता, वापिस नहीं आता है
1. दुनिया में तसल्ली तो, मिलती है उसी दिल को,
जो गीत मसीहा के, दिन रात ही गाता है
2. रहता है जो संगत में, हर रोज़ मसीहा के,
देने को नया जीवन वह फिर से बुलाता है
3. वह दूर नहीं तुझसे, अब दिल में, बुला उसको,
आकाश से जो जाकर, संसार में रहता है