मुझ को छु
की मै बन जाऊं तेरे समान
मै कुछ भी नहीं तेरे बिना
तू है दाखलता और मै हूँ डाली
मै कुछ भी नहीं तेरे बिना
तू है समर्थ मेरी, तू मेरी पहचान
मुझको छु ले मेरे प्रभु
की मै बन जाऊं तेरे समान
मुझ को छु ले मेरे प्रभु
की मै गाऊं बस तेरे गुणगान
मै बनना चाहूँ तेरे समान
मै बनना चहुँ बस तेरे तेरे समान
ऐसा साथ कहाँ मिलेगा तेरे सिवा
तू जो हर पल संग मेरे रहता है सदा
ऐसा प्यार कहाँ मिलेगा तेरे सिवा
मेरी खातिर जो तुने देदी है अपनी जान