छू मुझे छू, खुदा रूह में छू,
मेरी जान को, मेरी रूह को, मेरे बदन को छू
1. जीवन से ज्योति जला यू जैसे जले जोत तेरी
सोचें हों मेरी भी ऐसी, जैसे हैं सों तेरी,
भर मुझे भर, खुदा रूह मुझे भर
2. मिटटी को कुम्हार जैसे, हाथों से अपने सँवारे,
यूँ ही कलामें खुदावन्द, गूथे तुम्हें और निखारे,
ले मुझे ले, खुदा रूह मुझे ले,