जीवन दिया मेरे लिये, जी उठा साथ रहने के लिये,
सदा वह मुझको ले चलता है, फिर से आता ले जाने के लिए
यीशु काफी है (2)
1. शैतान की नाना परीक्षाओं में, कभी न पीछे मैं हटूँगा,
संसार और शरीर मुझे खींचते हैं उनकी न सुनू, मैं आगे बढूँगा
2. हरी चरार्इयों में बैठाता है, निर्मल सोते के पास ले जाता है,
हर पल वह तुझको तृप्त करता है मृत्यु की तरार्इयों में संभालता है