कौन करे मोहे पार, तुम बिन, कौन करे।
1. गहरी नदियाँ नाव पुरानी, कैसे मैं उतरूँ पार?
2. गहरी है वह नदियारे, और नाव पड़ी मझधार।
3. खेरा देश कुटुम्म वाँ काम न आवे और न आवे ज्ञान।
4. मात, पिता सब छोड़ें वाँ जब किश्ती हो मझंधार।
5. धन दौलत वाँ काम न आवे, आवे न संसार।