बिड़़ी भोर तेरे दर्शन को, चरणों मैं आता हूँ,
आराधना स्तुति और प्रशंसा, पिता को चढ़ाता हूँ,
आराधना आराधना मेरे यीशु राजा की,
पवित्र आत्मा प्रभु की
1. हर दिन के हर एक पल में, यीशु तेरा ध्यान रहे,
मेरे मुँह के वचनों से, दूजों के घाव भरें
2. तेरी इच्छा तेरी चाहत, मेरा मन सबल करे, उठूँ प्रार्थना वीर बनकर, हर पल को सफल करें
3. कलाम को सुनाना, मेरा मकसद होना है,
तेरे नाम को सुनाने, पूरे देश में जाना है
4. मैंने खुद को चढ़ाया है ,पावन बलिदान बनाके,
अब तू ही मुझको चलाना, अभिषेक देते रहना