यीशु का दरबार रे हमे प्यारा लगत है(2)
प्यारा लगत है, दुलारा लगत है(2)
1 तेरे दरबार मसीह, कौन कौन है आवे(2)
धर्म के भुखे गुनहगार, रे हमें प्यार लगत(2)
2 तेरे दरबार मसीह, कौन-कौन है बैठे (2)
पंडित मूर्ख गवार रे, हमे प्यारा लगत है (2)
3 तेरे दरबार मसीह, क्या-क्या है मिलता-(2)
मुक्ति, शान्ति अपार रे हमें प्यारा लगत है;(2)
4 तेरे दरबार मसीह, हम सब है आये-(2)
सुन ले प्रभु जी पुकार रे हमे प्यारा लगत है-(2)