गाओ न गाओ न में
शहर शहर में धूम मच गयी है
आई पवित्र आत्मा अब मंडरा रहा है
चीखो चिल्लाओ
सब को बताओ
उधार का समय आ गया
अंधकार जो छाया था
रोशिनी अब हम पर आ गयी है
मन शरीर और आत्मा
मिलकर गाये इन होसन्ना
देते तुझ को महिमा येशू
चट्टानें उजड़ रही
और दीवारें भी टूट रही
पत्थर दिल भी पिघल रहे है
पासबाँ भी चल रहे है न
पवित्रात्मा के सहारे
धार्मिकता के भूखे टी
एरी सामर्थ से भरे
चीखो चिल्लाओ.....
मन शरीर और आत्मा .....