को. आराधना, करे आराधना, उपकारों लोगों उसकी याद करे
हात उठाके धन्यवाद करे, उँचे स्वरों से उसकी स्तुति करे (२)
हाल्लेलूयाह... (४) ...हाल्लेलूयाह... (४)
१. यीशु के लहुँ से पापों को मुक्ति दी
यीशु के लहुँ से लोगों को चंगाई दी
सम्हालता मुझे उपनी लोक हातों से (२)
मुझे लोई चिन्ता नहीं ।
२. आत्मा के फलों से प्रभु भरदे मुझे
प्रेम की उपकारों का शक्ति दे दे मुझे (२)
हरदम रहुँगा मैं उसके सीने से मैं (२)
उसकी चरणों में स्तुति करूँगा ।