मेरे मैहबुब प्यारे मसीहा,
किस जगह तेरा जलवा नहीं है,
किस जगह तेरी शोहरत नहीं है,
किस जगह तेरा चर्चा नहीं है,
1. आँख वालों ने तुझ को है देखा,
कानों वालों ने तुझ को सुना है,
तुझको पहचानते हैं वो इन्सां,
जिनकी आँखों पर परदा नहीं है
2. मर गई थी वो याइर की बेटी,
तूने उस पे निगाहें करम की,
कर दिया ज़िन्दा उसको ये कह कर,
वह तो सोती है मुर्दा नहीं है