1. छोड़ोगे क्या तुम गुनाहा के बन्धन ?
लहू में कुदरत है,
होगा गुनाहों पर क्या फ़तहमन्द ?
अजीब कुदरत लहू में है।
बोलो जै! जै! कुदरत अब ही है,
लहू में, लहू में, बोलो जै! जै!
कुदरत अब ही है, यीशु के लहू में है
2. छोड़ोगे क्या तुम गुनाह का घमंड?
लहू में कुदरत है,
कलवरी पास आकर हो फतहमन्द?
अजीब कुदरत लहू में है।
3. यीशु की खिदमत को दोगे अंजाम?
लहू में कूदरत है,
सब दाग गुनाह के,वह करता है दूर,
अजीब कुदरत लहू में है।
4. बर्फ से सफेद तुम हो सकते जरूर!
लहू में कूदरत है,
सब दाग गुनाह के,वह करता है दूर
अजीब कुदरत लहू में है।