आत्मा की हवा यहाँ है
आत्मा की आवाज़ यहाँ है
कुछ होने पर है, नया होने पर है
अदभुत यहाँ होने पर है
कुछ नहीं था जब
सुनसान थी यह धरती
बेडोल अँधेरों में डूबी
वहाँ आ ठहरा, प्रभु का आत्मा
सुंदर यह सृष्टि बन गयी
टूटा हुआ जो वो, फिर से बनाएगा
विलाप को तेरे वो, हर्ष में बदलेगा
उदासी को तेरे, आनंद से भरेगा