प्रभु तोरे मन्दिर में पूजन करूँ मैं -2
1. यीशु तेरे लहू से मैं अपने का धोऊँ,
शुधन करूँ मैं निर्मल होऊँ,
प्रभु तोरी वेदी का प्रदक्षिणा करूँ मैं।
2. मन और हृदय को अपने मैं जाँचूं,
निज अभिलाषा सावधन
टालूँ, सत्य और आत्मा से भजन करूँ मैं।
3. जब तेरे मुख को सन्मुख देखूँ,
करूँ मैं प्रशंसा शुभ राग गाऊँ,
तोरे शुद्ध चरणों में शीश नवाऊँ मैं।